करछुई

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करछुई हाल्ट स्टेशन का नाम तीतिर स्तूप स्टेशन या गौतम बुद्ध बोधिसत्व नगर रखा जाय ।जो भगवान बुद्ध के जीवन काल से सम्बंधित स्थल के पास है । 20 वर्ष पूर्व जब करछुई स्टेशन बंद हो गया था उस समय हम लोग स्टेशन को पुनः चालू कराने के लिए लंबा संघर्ष किये थे ।तब मैं करछुई में विद्यालय तथा कोचिंग कराता था तथा मेरे पास युवाओं की बड़ी हुजूम हुआ करता था ।महीनों दिन संघर्ष चला जिसमें पूर्व सांसद स्व जनार्दन तिवारी जी का महती योगदान था उन्होंने ही जीएम व डीआरएम से बात कर स्टेशन को चालू करवाने में सहयोग किए तथा आंदोलन में भी भाग लिए थे । करछुई किसी राजस्व गांव का नाम नहीं है ।अच्छा रहता कि जीरादेई देशरत्न के गांव के नाम पर हुआ जो भंटापोखर हुआ करता था ।आज तीतिर स्तूप भारतीय पुरातत्व विभाग के परीक्षण उत्खनन के बाद इस क्षेत्र तथा जिले के सबसे प्राचीन स्थल के रूप में सामने आया है जो भगवान बुद्ध के जीवन काल से सम्बंध रखता है ।बौद्ध साहित्य जातक के अनुसार भगवान बुद्ध बोधिसत्व के रूप में यहाँ भिन्न -भिन्न काल में रहे है इस लिए यह बहुत ही पवित्र स्थल है तथा यहाँ देश विदेश के बौद्ध भिक्षु व पर्यटक आते रहते है ।

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